समुन्दर का शिकारी : सम्राट मार्टिन की सल्तनत(भाग - 13)
जहाज मे मौज़ूद सभी लोग आँख फाड़ फाड़ कर ये देखते रहे.. ऐसा उन्होंने अभी तक सिर्फ रॉन को करते हुए देखा था... राज का ये करतब एकदम आँख फाड़ने वाला था..
ड्रैगन के समुन्दर मे गिरते ही राज, रॉन की तरफ मुड़ा...
"अच्छा है... पर ऐसे तो वो अपना बदसूरत कैप्टन सेठ भी कर लेता है..."बुरा सा मुँह बनाकर रॉन बोला
नायर, सेठ के नाम के आगे कैप्टन शब्द सुनकर गुस्से से सेठ की तरफ पलटा, जो उसके बगल मे ही RPG मे ग्रेनेड डाल रहा था...
"कैप्टन.. आप रॉन की बातो मे ना पडे.. आप यहाँ से गायब थे इसलिए रिया मैम ने मुझे कैप्टन बना दिया था..."
"यार, सेठ... तु मेरा दोस्त है.. तेरे कैप्टन बनने से मै गुस्सा नही हूँ.... बल्कि वो जंगली तेरी इंसल्ट कर रहा है... इसलिए... "नायर ने सामने देखते हुए कहा और फिर जिस तरफ से ड्रैगन का काफिला बढ़ रहा था उस तरफ अपनी गर्दन घुमाई... सामने का नजारा देख नायर कि जुबान लड़खड़ा गई...
"Oh my god... ये कैसा भयंकर जानवर है, ये ड्रैगन तो बहुत बड़ा है... सभी सामने की तरफ से हमला करने के लिए तैयार हो जाओ.. और कोई अंदर से बचा हुआ दूसरा RPG लाकर मुझे भी दो ."नायर चिल्लाया...
सभी सामने की तरफ देखने लगे और सामने का नज़ारा देख कर उनकी रूह काँप गई, ड्रैगन्स के उन झुण्ड मे सबसे आगे उनका अल्फा ड्रैगन था.. जो लाल रंग का उन सबमे मे सबसे बड़ा था और उस ड्रैगन के ऊपर बैठा एक काला साया... मानो कोई इंसान उस ड्रैगन पर सवार हो... उसके हाथ मे एक बड़ा सा फरसा भी था... वैसे जहाज मे मौज़ूद सभी लोगो ने एक बार पहले भी मुकाबला किया हुआ था ड्रैगन्स से.. और आज भी तैयार थे.. लेकिन अबकी बार.. अनगिनत ड्रैगन्स के झुण्ड को देख... उन्होंने पहले ही हार मान लिया.. ऊपर से.. वो विशाल लाल दानव, जिसपर सवार एक काला साया और उसका हाथ मे वो काला फरसा...
किसी की हिम्मत नही हुई उस घने कोहरे से बाहर निकलते हुए उस विशाल दानव के सामने खड़े रहने की... सभी अंदर भागने लगे... पर वो ड्रैगन्स आज हमला नही कर रहे थे, बल्कि शांतिप्रिय तरीके से जहाज के पास आकर रुके हुए थे.. मानो किसी के हुकुम का इंतजार कर रहे हो.... लोगो को अंदर भागते देख रॉन बोला..
"रुक जाओ बे... डरो मत इस कल्लू से..."
रॉन की आवाज़ उस लाल आसमानी दरिंदे पर बैठे काले साये तक पड़ी.. उसने अपनी गर्दन रॉन की तरफ की.. उसकी ज्वालामुखी की तरह चमक रही सुर्ख लाल आँखों मे मौत का मंजर साफ दिख रहा था. उस काले साये ने अपने फरसे को कसकर पकड़ा और ऊपर उठाया... वो शायद ड्रैगन्स को हमला करने का आदेश देने वाला था पर उसने अभी अपना फरसा ऊपर किया ही था की रॉन ने अपनी बड़ी बन्दूक उस काले साये के तरफ तान दी और बोला...
"अबे ओये, कल्लू... जरा आराम से.. ये बन्दूक देख रहा है ना...? ये वही बन्दूक है... जिसके बलबूते मार्टिन सदियों पहले ड्रैगन्स का संहार किया करता था ..."
उस काले साये के कान मे जैसे ही ये आवाज़ गुंजी उसने रॉन के बन्दूक की तरफ देखा और फिर ध्यान से रॉन को देखने लगा. उसने अपना फरसा नीचे किया और दहाड़ा.... उसकी आवाज़ इंसानी आवाज़ थी पर तीव्रता और उसकी प्रवत्ति मानो ड्रैगन्स के सामान ही थी... ये ऐसा था, मानो कोई ड्रैगन भारी आवाज़ मे इंसानी भाषा का इस्तेमाल कर रहा हो....
" इस बार ये विशाल सागर भी तुम सबके लिए छोटा पड़ जायेगा... यदि इस बार मैने तुम्हारे मृत शरीर को इस समुन्दर मे विसर्जित नही किया तो मै.... समुन्दर का शिकारी... नही..."
"एक और.. समुन्दर का शिकारी...? पता नही और कितने आएंगे और खुद को समुन्दर का शिकारी कहेँगे... इनमे से असली वाला कौन है..."वहा मौज़ूद लोगो मे से एक बोला...
"मेरे प्रिय जहाजियो... उसकी बात नही मानने का.. वो दुश्मन है... ऊपर से कल्लू भी. और काले लोगो कि तो प्रवत्ति होती है झूठ बोलना... ये भी साला झूठ बहुत बोलता है. तुम सब पहले की तरह मुझे ही अपना शिकारी मानो.. यदि प्रूफ चाहिए तो ये देखो.. मै अभी इस कल्लू को उड़ा के दिखाता हु जिससे तुम लोग इतना डर रहे हो.. कालिये भाई, भाग यदि भाग सकता है तो..."बोलते हुए रॉन ने ड्रैगन पर सवार उस काले साये कि तरफ बन्दूक करके दोनों ट्रिगर दबा दिया...
सबको पता था कि अब क्या होने वाला है.. सबने ये पहले भी होते हुए देखा था.. सब भली -भांति रॉन के बन्दूक के करनामे से परिचित थे... सब खुश भी थे.. क्यूंकि रॉन के बन्दूक से निकलने वाली अग्नि कि हर एक लपट ने पिछली बार जहाजियो के अंदर जोश भर दिया था... पर ये क्या..?
रॉन के फायर करने बावजूद रॉन की बन्दूक से वो आग नही निकली जो बड़े से बड़े ड्रैगन को अब तक धाराशाई कर चुकी थी... जिसने अब तक ना जाने कितने ही ड्रैगन्स को जल समाधि लेने पर मजबूर कर दिया था. रॉन का हमला खाली गया.. रॉन ने अपना दांव खाली जाता देख तुरंत दोबारा ट्रिगर दबाया और फिर .. लगातार कई बार ट्रिगर दबाया लेकिन उसकी बन्दूक शांत ही रही... जिसके बाद अब रॉन ने डरते हुए उस काले साये की तरफ देखा...
"म. म.. माफ़ करना कल्लू जी... लगता है बारूद ख़त्म हो गया इसका. आपकी इजाजत हो तो मै बारूद भर कर ले आउ "
रॉन के ऐसा कहते ही वो उस काले साये ने तुरंत अपना फरसा आसमान मे ऊपर उठाया और फरसे का रुख बेलाडोना जहाज कि तरफ किया... उसके ऐसा करते ही ड्रैगन्स जो अभी तक रुके हुए थे.. बेलाडोना कि तरफ आगे बढ़ने लगे . उसने फरसे को अपने कंधे पर रखा और आदित्य की तरफ देख कर बोला...
"मै तो यहाँ इसके लिए आया था, कुछ दिनों पहले ये बच गया था... लेकिन मुझे आज कई शिकार मिल गये मिल गया.. आज चाहे विशाल धधकती हुई अग्नि से मुझे समुन्दर का पानी ही मुझे क्यों ना सुखाना पडे.. पर तुम सबकी मौत निश्चित है "
"जहाज उल्टा घुमाओ रे..."ड्रैगन्स को जहाज कि तरफ आता देख रॉन बोला .. पर उसके बोलने तक मे ही... ड्रैगन्स ने बेलाडोना पर धावा बोल दिया और एक ड्रैगन सीधे बेलाडोना से जाकर टकरा गया...
आज कि लड़ाई मे ड्रैगन्स की तादाद इतनी ज्यादा थी की वो आग उगलने के बजाय सीधे बेलाडोना पर कूद कर, बेलाडोना से टकरा कर ही हमला कर रहे थे... वो वहा मौज़ूद लोगो को कच्चा चबाने लगे... रॉन अपनी बन्दूक लेकर एक कोने मे छिप गया...
"आज ये कल्लू मुझे मारकर ही रहेगा.. कैसे बचु.. कैसे बचु "रॉन के दिमाग़ मे यही चल रहा था और वो अभी ठीक से सोच भी नही पाया था की... लाल दानव पर बैठा वो काला साया फरसा लेकर ड्रैगन से सीधे बेलाडोना पर कूद गया, वो भी रॉन के ठीक सामने... रॉन अपनी मौत नजदीक देख और खुद को बचाने के लिए किसी तरक़ीब की खोज मे शराब की बोतल निकाली और पीने लगा...
"तुझे अपनी मौत का डर नही... आज तेरा विनाश कर दूंगा.."
"रुक जरा... वो क्या है ना कल्लू कि... जब मै किसी को जान से मरता हु तो उसके पहले शराब जरूर पीता हूँ .. किसी ने कहा है की इससे मरने वाला नरक मे जाता है, तो तू तैयार हो जा अपने साथियों से नरक मे मिलने के लिए..."इतना कहकर रॉन ने सीना तानते हुए खड़ा हुआ... मानव ड्रैगन ने फरसे को मजबूती से पकड़ रॉन कि गर्दन काटने के लिए फरसा ऊपर उठाया कि तभी रॉन वहा से सरपट भागा ...
"आजा कल्लू..."भागते हुए रॉन बोला...
"तेरी याददाश्त के लिए बता दू, मेरा नाम मॉर्गन है... मानव ड्रैगन "
"क्यों.. कल्लू नाम मे क्या खराबी है "दौड़ते हुए पीछे पलटकर रॉन बोला "ये नाम तेरे बदबूदार काले कपड़ो से मिलता भी है"
"कायर... "मॉर्गन भी रॉन के पीछे पीछे चलने लगा... पर जहा रॉन दौड़ते हुए जितनी दूरी तय कर रहा था.. मॉर्गन उतनी ही दूरी उतने समय मे मात्र चलते हुए कर ले रहा था... मानो वो बेलाडोना पर फिसल रहा हो....
इधर जहाज पर ड्रैगन्स की मौज़ूदगी ने अफरा तफड़ा मचा दी थी... लड़ाई अभी शुरू हुई थी लेकिन इतनी जल्दी ही लड़ाई एकतरफा हो गई थी... जहाज मे मौजूद लोग जिस भी ड्रैगन को मारते उस मरे हुए ड्रैगन की जगह दो नये ड्रैगन ले लेते.. ऐसे मे जो डर के कारण या फिर अपनी जान बचाने के लिए समुन्दर मे कूद जाते, उन्हें मौज़ूद ड्रैगन समुन्दर मे गिरने से पहले ही अपने मुँह का निवाला बना लेते... और जो बच -बचा कर किसी तरह समुन्दर मे गिर भी जाते तो उन्हें समुन्दर के अंदर रहने वाले ड्रैगन नही छोड़ रहे थे, जिन्हे रॉन ने चूजा कहा था ... कुल मिलाकर... आज मौत तय थी...
सेठ और नायर ग्रेनेड लॉन्चर लिए ड्रैगन्स पर बम तो बरसा रहे थे.. लेकिन हर एक बार फायर करने के बाद उन्हें RPG को लोड करना पड़ता, जिसमे थोड़ा समय लग रहा था.. तब तक कई बार ऐसा होता कि ड्रैगन उन्ही दोनों कि तरफ हमला कर देते.. जिसके कारण उन्हें कई बार जान बचा कर अपनी जगह छोड़कर भागना पड़ता... तभी आदित्य उन दोनों के पास आया...
"कैप्टन, ग्रेनेड फायर करने के बाद RPG मुझे दे दिया करो.. मैं तुरंत लोड करके दोबारा से फायर कर दूंगा... इसके बाद जब सेठ के लॉन्चर से गोला निकलेगा तो आप ले लेना... और मेरे से फिरसेठ ले लेगा.. इस तरह से हम इस फ्रंट से अपनी पोजीशन कमजोर नहीं होने देंगे और कम से कम इस ओर से ड्रैगन्स कि तबाही को रोक सकेंगे... मैने अपने जहाज मे भी यही किया था और अंत समय मे जब मेरे सिवा कोई नहीं बचा तो मजबूरन मुझे जहाज से कूदना पड़ा था... लेकिन आज नहीं.. आज या तो आर या फिर पार... "आदित्य ने कहा और ये सुनते ही सेठ और नायर ने अपना -होना RPG आदित्य कि तरफ एक साथ बढ़ा दिया...
"Wow... दोनों एक साथ... एक मिनट मै अभी फैसला करता हूँ कि सर्वप्रथम मैं किसका ग्रेनेड लॉन्चर लूंगा..." दिमाग़ पर जोर ड़ालते हुए आदित्य बोला "idea...😇 अक्कड़.. बक्कड़ बम्बे बो, अस्सी नब्बे पुरे सौ... सौ से निकला धागा.. चोर निकल के भागा... नायर... तू ला... "
तुरंत नायर के हाथ से ग्रेनेड लॉन्चर छीन आदित्य ने अपने पीठ पर रखा और उनकी तरफ बढ़ रहे दो ड्रैगन कि तरफ देख कर.. एक के सर पर निशाना साधा... ग्रेनेड के ड्रैगन के सर पर लगते ही.. उस डविशाल ड्रैगन का सर इतने भयंकर तरीके से विस्फोट हुआ कि उसके परखच्चे उड गये और उसके शरीर के टुकड़े वही बेलाडोना मे मौजूद लोगो के ऊपर गिरे....
लेकिन दूसरा ड्रैगन अब भी जिन्दा था और वो अपने साथी ड्रैगन के परखच्चे उड़ता देख पूरी ताकत से आदित्य कि ओर बढ़ा... आदित्य ने ग्रेनेड लॉन्चर फायर करने के साथ ही नायर को पकड़ा दिया था... उस बढ़ते हुए ड्रैगन पर सेठ ने और उसके पीछे वाले ड्रैगन पर नायर ने एक साथ निशाना लगाया और ग्रेनेड फायर किया... देखते ही देखते.. दो और ड्रैगन कि बलि चढ़ गई....
"कप्तान आदि से पन्गा लेंगे, साले... इनके पिछवाड़े से आग ना निकाल दिया तो कहना " नायर से वापस ग्रेनेड लॉन्चर लेकर आदित्य बोला और तुरंत एक और ड्रैगन पर निशाना साधा और वो भी धाराशाही हो गया....
ड्रैगन्स ने जिस तरफ नायर, सेठ और आदित्य थे.. उधर से हमला करना बंद करके घूम कर पीछे कि ओर से हमला करने लगे...
"आदित्य, सेठ... मैं इस पोजीशन को संभालता हूँ और तुम दोनों बाकी दो पोजीशन को मजबूत करो...और उस रॉन को ढूंढो.. उसकी बन्दूक कि शक्त जरूरत है हमें..."
"Aye, Captain...."कहकर आदित्य और सेठ वहा से दो दिशाओ मे आगे बढे...
इधर रॉन अब भी आगे -आगे भागते हुए बेलाडोना के चारो तरफ मानव ड्रैगन मॉर्गन से बचने कि कोशिश मे भागे जा रहा था... क्यूंकि मॉर्गन के जादूई फरसे का मुक़ाबला रॉन कि बारूदहीन बन्दूक नहीं कर सकती थी... इसी भागदौड़ मे रॉन भागते हुए नायर कि तरफ पंहुचा और नायर मॉर्निंग RPG के साथ ड्रैगन्स से लड़ता देख वो पीछे से ही चिल्लाया...
"कप्तान नायर, आपकी माँ को ये गाली दे रहा था.. बोल रहा था की कप्तान नायर की माँ 10 लोगो का ले लेती है एक बार मे..."रॉन भागते हुए नायर के पीछे से बोला...
"कौन हरामी बोला मेरी ऐसा मेरी मरी हुई माँ के बारे मे..." खून का घूट पीते हुए नायर ने RPG अपने कंधे से नीचे किया और दाँत पीसते हुए बोला
"कौन है ये .. नाम बताओ उसका.."नायर गुस्से से एक और बार चीखा..
"ये.... बोल रहा था, अभी थोड़ी देर पहले..."भागते हुए रॉन ने पीछे की तरफ इशारा किया... जहा मॉर्गन अपने फरसे पर हाथ फिराते हुए... जो जो भी उसके और रॉन के बीच आता, उसे ज़िंदा काटते हुए चला आ रहा था...
"आज तुम सब मरोगे .. बुरी मौत मरोगे "अपने सामने आए बेलाडोना के तीन जहाजियो के सीने के पास से फरसा चलाकर उन तीनो मे से प्रत्येक के दो -दो टुकड़े करते हुए मॉर्गन गरजा...
रॉन, नायर के पास रुक गया.. नायर ने क्रोध वश तुरंत अपना RPG लोड किया और सीधे मॉर्गन कि तरफ फायर कर दिया.. बिना ये देखे कि विस्फोट होते ही मॉर्गन के पास मौजूद बाकी जहाजी भी उसकी चपेट मे आ जायेंगे... नायर ने बिना किसी के ग्रेनेड लॉन्चर फायर किया... जिससे बिना किसी देरी के ग्रेनेड निकलकर मॉर्गन से जा टकराया और वहा तेज विस्फोर बेलाडोना मे हुआ.. और जहाज का बहुत बड़ा हिस्सा उस विस्फोट मे तबाह हो गया... जहाज का संतुलन भी बिगड़ा और उस ओर जितने भी जहाजी किनारे पर खड़े होकर ड्रैगन्स पर गोलियों कि बारिश कर रहे थे... वो जहाज के अचानक संतुलन बिगड़ने से नीचे समुन्दर मे जा गिरे.... तब नायर को अपनी गलती का पछतावा हुआ.
पर नायर के लिए एक संतोषजनक बात ये थी कि उसके आदमियों के साथ -साथ कम से कम वो मानव ड्रैगन भी मर गया था... विस्फोट से पहले.. आखिरी पालो मे नायर ने बस इतना देखा था कि मॉर्गन अपने फरसे को ग्रेनेड के सामने करने लगा था... लेकिन विस्फोट इतना भयंकर था कि मॉर्गन का बचना नायर को असंभव सा लगा... ये कम से कम उसके लिए सुकून कि बात थी. लेकिन जैसे ही सामने विस्फोट के कारण उत्पन्न अग्नि और धुआँ हटा.. मॉर्गन दहड़ता हुआ फरसे के साथ एकदम सही सलामत खड़ा हुआ दिखा और उसने अपने फरसे को बेलाडोना पर धीरे -धीरे मारने लगा... जिसके कारण समुन्दर कि लहरे और ऊपर उठने लगी...
"नामुमकिन है ये... ये बच कैसे गया..."नायर कौहतुलवश बस इतना ही कह पाया....
Zaifi khan
30-Nov-2021 06:55 PM
Awesome
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Hayati ansari
29-Nov-2021 08:20 AM
Excellent
Reply
Fiza Tanvi
04-Oct-2021 11:34 AM
Bahut bahut badiya
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